2019 का साल काफी घटना प्रधान रहा है। कई बड़ी घटनाओं के बीच इसे घरेलू और वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुस्ती के लिए याद किया जाएगा। इस साल निफ्टी ने कुल मिलाकर करीब 12% का रिटर्न दिया है। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 ने 6% और निफ्टी स्मॉलकैप ने 12% का रिटर्न दिया है। ओवरऑल आर्थिक मापदंडों में गिरावट आई। डीजीपी और अन्य मैक्रो डेटा में गिरावट रही। रिजर्व बैंक द्वारा 2019 की शुरुआत से कई बार रेट कट भी सुर्खियां बनीं। सितंबर में सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती कर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की कोशिश की। नकारात्मक खबरों के बावजूद मार्केट ने लॉन्ग टर्म रिफॉर्म पर फोकस बनाए रखा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिति में सुधार ने भी मार्केट को सहारा दिया। खास तौर पर अमेरिका- चीन ट्रेड डील और ब्रिटेन के चुनावी नतीजों ने सेंटीमेंट बेहतर किया।
सेक्टर के हिसाब से देखा जाए तो कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की घोषणा के बाद से बैंक, ऑटो, मेटल, रियल्टी और ऑयल एंड गैस सेक्टर में तेज रिकवरी देखी गई। जहां तक आगे की बात है तो हमें लगता है कि बड़े प्राइवेट बैंक, कंज्यूमर/एफएमसीजी, सीमेंट और कैपिटल गुड्स जैसे कोर सेक्टर अच्छा प्रदर्शन करेंगे। अगले दो साल में एसेट क्वालिटी की स्थिति सामान्य होने की उम्मीद को देखते हुए बैंकों को लेकर हमारा रुख सकारात्मक है। साथ ही अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ बड़े प्राइवेट बैंक ज्यादा बिजनेस और मार्केट शेयर पाने की स्थिति में होंगे।
डिमांड में सुधार आने का सबसे ज्यादा फायदा कंज्यूमर कंपनियों को होगा। सीमेंट और कैपिटल गुड्स सेक्टर ने अब तक रफ्तार नहीं पकड़ी है। हालांकि, सरकार द्वारा किए जा रहे सुधारों का जब असर दिखना शुरू हो जाएगा तब ये सेक्टर भी बड़े गेनर्स साबित होंगे।
निफ्टी में कायम रह सकता है मौजूदा मोमेंटम
निफ्टी में मौजूदा मोमेंटम बरकरार रह सकता है। ऐसा लिक्विडिटी में इजाफा और पॉजिटिव सेंटीमेंट के दम पर हो सकता है। गुणवत्तापूर्ण बिजनेस वाले कई सेक्टर और स्टॉक अभी डिस्काउंट पर ट्ड कर रहे हैं। इ रे नकी ग्रोथ में रिकवरी की उम्मीद है। अच्छे मिडकैप स्टॉक भी 2020 में बेहतर प्रदर्शन कर सकते है।